कौन किसकी बी टीम -यह पब्लिक है सब जानती है

कौन किसकी बी टीम -यह पब्लिक है सब जानती है

शिब्ली रामपुरी

               पॉलिटिक्स में एक शब्द बहुत तेजी के साथ उभर कर सामने आया है और हाल के दिनों में तो यह शब्द बहुत तेजी से पॉलिटिकल तौर पर इस्तेमाल किया जाता है वह है बी टीम. 
              जब किसी अच्छे नेता को कमतर दिखाना हो तो उसको यह कहकर बदनाम करने का प्रयास किया जाता है कि अरे यह तो ढोंग कर रहे हैं यह हमदर्द नहीं है यह तो उस पार्टी की बी टीम है उसके एजेंट हैं उसके इशारे पर काम करते हैं. ऐसा एक नहीं कई नेताओं के साथ होता आया है और यह सिलसिला इसी तरह से चलता रहेगा. बी टीम और एजेंट होने के आरोप के चलते कई बड़े काबिल लीडर इस दुनिया से चले गए यदि लोग उन पर भरोसा करते तो वह जनता का काफी भला कर सकते थे लेकिन लोगों ने हमेशा उनको बी टीम समझा उनको किसी पार्टी का एजेंट समझा और फिर जब वह दुनिया से चले गए तो उनको याद करते हैं कि अरे वह तो ऐसा नहीं था बहरहाल आज भी कई ऐसे नेता हैं कि जिन पर यही इल्जाम है कि वह बी टीम है और कुछ ऐसे दिग्गज नेता भी हैं जो हकीकत में बी टीम के तौर पर काम करते हैं और उन्होंने इस लोकसभा चुनाव में बी टीम के तौर पर किसी पार्टी को फायदा पहुंचाने का काम भी किया और इसी के चलते उन्होंने टिकट दिए और काफी सीटों पर चुनावी मैदान में अपने प्रत्याशी उतारे और बाद में जब नतीजे उनके पक्ष में नहीं आए तो उन्होंने एक समुदाय के सर पर ठीकरा फोड़ दिया कि हमारे तो हारने वाले तुम लोग हो तुमको अब हम भविष्य में सोच समझकर टिकट देंगे. जाहिर है मेरी बात से आप समझ गए होंगे कि यहां बात किसकी हो रही है कौन बी टीम है और बी टीम होने के बावजूद भी किस तरह से एक समुदाय के सर पर ठीकरा फोड़ा जा रहा है और यह भी नहीं सोचा जाता कि क्या वह समुदाय तुमको हर बार सत्ता दिलाने के लिए ठेकेदार है क्या उसने तुम्हारा ठेका ले रखा है कि वह हर बार तुमको सत्ता तक पहुंचाएगा.उसके अपने भी मसाइल हैं उसकी अपनी भी समस्या है उसकी अपनी भी जरूरत है उसको भी पॉलीटिकल तौर पर तरक्की और खुशहाली चाहिए. जिस समाज पर तुम अपनी पराजय का ठीकरा फोड़ते हो उस समाज को कितनी परेशानियों का सामना करने को मजबूर होना पड़ता है तब तुम्हारे जबान से एक शब्द नहीं निकलता और आज तुम उस समाज पर खूब बरस रहे हो तोहमत लगा रहे हो दरअसल उस समाज के लोगों की भी गलती है कि उन्होंने कभी अपने वोट की अहमियत का एहसास नहीं किया तभी तो आज वह इस हालत में हैं.

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