नैनीताल हाईकोर्ट ने सरकार से कहा है कि नदी, नालों व गधेरों में जहां-जहां अतिक्रमण हुआ है उसे हटाया जाए और उस जगह पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं। इन्हें वैसे ही मैनेज किया जाए जैसे सड़कों के दुर्घटनाग्रस्त क्षेत्रों को किया जाता है।
मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र एवं न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने यह निर्देश देहरादून में जल धाराओं, जल स्रोत्रों, पर्यावरण संरक्षण सहित नदियों पर मंडरा रहे खतरे और पर्यावरण संरक्षण को लेकर दायर तीन जनहित याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई के दौरान दिए। अगली सुनवाई 15 अप्रैल को होगी।
पूर्व के आदेश पर राज्य सरकार के प्रमुख वन सचिव, सचिव शहरी विकास और राजस्व विभाग के सचिव कोर्ट में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से पेश हुए। सचिव वन ने कोर्ट को अवगत कराया कि अभी तक पूर्व के आदेशों का किन्हीं कारणों से अनुपालन नहीं हो सका है। इसलिए कोर्ट के पूर्व के आदेशों का अनुपालन कराने के लिए संबंधित विभागों को चार हफ्ते का समय दिया जाए क्योंकि अभी वित्तीय वर्ष का अंतिम सप्ताह चल रहा है।
इस पर मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र एवं न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने उन्हें तीन हफ्ते के भीतर रिपोर्ट पेश करने के साथ स्वयं भी वीसी के माध्यम से कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने डीजीपी से कहा कि नदी, नालों व गधेरों में जहां अतिक्रमण के मामले आते हैं वे संबंधित एसएचओ को आदेश दें कि अतिक्रमणकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर रिपोर्ट पेश करें।