विपक्षी एकजुटता की कवायद, दिल्ली अभी बहुत दूर है

शिब्ली रामपुरी

पटना में एक दिन पूर्व विपक्षी दलों की जो राजनीतिक एकजुटता नजर आई वह एक अच्छी कोशिश जरूर कही जा सकती है लेकिन यह कहना भी गलत नहीं होगा कि दिल्ली अभी बहुत दूर है.
दरअसल बिहार की राजधानी पटना में एक दिन पूर्व विपक्षी दलों की एकजुटता को लेकर बैठक आयोजित की गई उसमें 15 राजनीतिक दलों के नेताओं की मौजूदगी रही और यह वह दल हैं कि जिनकी अपनी अपनी विचारधारा है और कई ऐसे राजनीतिक दल इनमें शामिल है कि जो आज तक शायद कभी एक मंच पर नहीं आए और ये पहला ऐसा मौका था कि वह एक मंच पर दिखाई दिए लेकिन अब सवाल यह खड़ा होता है कि विभिन्न राजनीतिक दलों के यह नेता जिनकी विचारधारा अलग अलग है जिनकी पार्टी का नजरिया कई मुद्दों पर बिल्कुल एक दूसरे से अलग है वह कैसे किसी मुद्दे पर एकमत हो सकते हैं?

भारतीय जनता पार्टी इस विपक्षी एकजुटता पर खूब तंज कस रही है और सोशल मीडिया पर भी काफी कुछ लिखा जा रहा है कि ये विपक्षी एकजुटता कुछ नहीं है और 2024 में यह कोई कमाल नहीं कर सकेगी 2024 में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर से देश के पीएम होंगे.

ऐसी बातें भाजपा की ओर से लिखी जा रही और कही जा रही हैं दूसरी ओर जो राजनीतिक दल इस बैठक में शामिल हुए उनकी ओर से इसे एक बहुत बड़ा राजनीतिक कारनामा बताया जा रहा है कि कैसे हम एकजुट होकर एक मंच पर आए हैं अब यह देखना दिलचस्प रहेगा कि यह विपक्ष की एकजुटता क्या दिल्ली तक जाएगी यानी 2024 में भाजपा को शिकस्त देने में विपक्ष की एकजुटता कितनी कामयाब रहती है.

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