मुफ्ती शमऊन कासमी ने फिर उगला मदरसों के खिलाफ ज़हर
अमजद उस्मानी
रुड़की:- उत्तराखंड मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष अक्सर मदरसों के खिलाफ ज़हर उगलते रहते हैं । एक बार फिर उन्होंने मदरसों के खिलाफ ज़हर उगला है।बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष द्वारा अरबी मदरसों की जांच कराने की मांग को उत्तराखंड अरबी मदरसा बोर्ड ने दुरुस्त बताया है।रुड़की के मंगलौर में अरबी मदरसे में एक स्वागत समारोह में पहुंचे उत्तराखंड मदरसा बोर्ड के चेयरमैन मुफ्ती शमून कासमी ने कहा कि बाल संरक्षण आयोग ऐसे मदरसों की जांच के बारे में कह रहा है जिनमें बड़े पैमाने पर अनियमितताएं हैं या जो मदरसा बोर्ड से मान्यता प्राप्त नहीं हैं । उन्होंने बाल संरक्षण आयोग का बचाव करते हुए कहा कि बाल संरक्षण आयोग मदरसे में पढ़ने वाले बच्चों को गंभीरता से देखता है कि कहीं उनके अधिकारों का हनन तो नहीं हो रहा है।यह एक रूटीन प्रक्रिया है। ऐसे मदरसों की जांच वह समय समय पर करते रहते हैं । उन्होंने कहा कि अनेक मदरसे ग़लत काम कर रहे हैं। जिन्हें बख़्श नहीं जायेगा।मुफ्ती शमून कासमी ने कहा की अरबी मदरसों में तो बेहद गरीब बच्चे पढ़ते हैं यहां के अध्यापकों को बेहद कम मानदेय दिया जाता है।अब तो मदरसों में उर्दू अरबी के साथ साथ हिंदी इंग्लिश विज्ञान और गणित की पढ़ाई होने लगी है बाल संरक्षण आयोग से मदरसे के कार्य प्रभावित नहीं होंगे।उन्होंने कहा की मदरसा शिक्षकों को बेहद कम मानदेय मिलता है।गौरतलब है की बाल संरक्षण आयोग अरबी मदरसों को लेकर बार बार जांच कराने की मांग कर चुका है जिससे उत्तराखंड के अरबी मदरसा प्रबंधकों में हड़कंप मचा हुआ है। दूसरी ओर मुफ्ती शमऊन कासमी का कार्यक्रम मदरसे में रखने को लेकर नाजिम मदरसा मुफ्ती मासूम के खिलाफ भी लोगों में गुस्सा है।