महिलाओं के साथ हो रही घटनाओं पर शबाना आज़मी ने की चिंता व्यक्त
मुंबई (शिब्ली रामपुरी) जिस तरह से एक के बाद एक घटनाएं महिलाओं के साथ हो रही हैं उसको लेकर बॉलीवुड अभिनेत्री शबाना आजमी ने गहरी चिंता व्यक्त की. बॉलीवुड की प्रसिद्ध अभिनेत्री और समाजसेविका शबाना आजमी ने कहा कि महिलाओं के साथ जिस तरीके का भेदभाव होता है और उन पर अत्याचार किए जाने के मामले आए दिन सामने आते रहते हैं वह पूर्ण रूप से तभी रुक सकते हैं जब उस मानसिकता में बदलाव होगा जो महिलाओं को आज भी दोयम दर्जे या फिर कहें कि उनको कमतर समझती है.
पुणे में आयोजित एक कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए शबाना आज़मी ने कहा कि महिलाओं को बराबरी के अधिकार देने की बात करने भर से कुछ होने वाला नहीं है जब तक महिलाओं का जो वास्तविक सम्मान है जो उनके अधिकार हैं वह उनको प्राप्त नहीं होंगे तब तक महिलाएं पूरी तरह से आत्मनिर्भर नहीं बन सकती हैं उन्होंने कहा कि सरकार के साथ-साथ सभी सामाजिक संगठनों और हर एक इंसान का ये कर्तव्य बनता है कि वह महिलाओं के हित में अपनी ओर से हरसंभव प्रयास करे.
2024 राउंडटेबल कांफ्रेंस, यूनिसेफ के सहयोग से ग्रेविटस फाउंडेशन द्वारा आयोजित एक प्रतिष्ठित कार्यक्रम, प्रारंभिक बाल विकास (ईसीडी) के जरूरी और आवश्यक विषय को संबोधित करने के लिए शबाना आजमी के अलावा कोई और लोगों की मौजूदगी रही जिन्होंने अपने-अपने विचार व्यक्त किए. सम्मेलन ने सबसे कम उम्र के दिमाग को पोषित करने के महत्व पर चर्चा करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में कार्य किया, विशेष रूप से जीवन के महत्वपूर्ण पहले 1000 दिनों के दौरान, जब मस्तिष्क का विकास अपने चरम पर होता है।
इसमें शामिल होने वाले प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्तियों में सामाजिक मुद्दों पर अपनी सशक्त आवाज़ रखने वाली प्रसिद्ध अभिनेत्री शबाना आज़मी, राज्यसभा में सांसद डॉ. मेधा कुलकर्णी और पुणे में शिक्षा आयुक्त सूरज मंधारे शामिल थे। उनके साथ प्रसिद्ध बाल रोग विशेषज्ञ और नवजात शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. अमिता फडनीस, भारतीय बाल चिकित्सा अकादमी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. प्रमोद जोग और वकालत के लिए प्रतिबद्ध अभिनेत्री तनीषा मुखर्जी भी शामिल थीं।