संत रविदास मंदिर में हुई अनुसूचित समाज की महत्वपूर्ण बैठक, आंदोलन का आह्वान

 

सुप्रीमकोर्ट के आरक्षण में वर्गीकरण और क्रीमीलेयर के फैसले को असंवैधानिक बताया


*दीपक मौर्य*

हरिद्वार। सुप्रीम कोर्ट के एससी काटेगरी के आरक्षण में वर्गीकरण और क्रीमीलेयर के फार्मूले के फैसले के खिलाफ अनुसूचित समाज की एक महत्वपूर्ण बैठक सेक्टर 1 भेल के संत रविदास मंदिर में आयोजित की गई। बैठक में अनुसूचित समाज के सैंकड़ों लोगों ने बैठक में शिरकत की। बैठक में वक्ताओं ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आरक्षण के खिलाफ यह फैसला असंवैधानिक है तथा जातिवादी मानसिकता का है। उन्होंने कहा की संविधान के अनुच्छेद 341 में दिए आरक्षण को चुनौती नही दी जा सकती । अगर दी जा रही है तो यह संविधान की मूल भावना के खिलाफ है।

 

वक्ताओं ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला बिना किसी ठोस आधार के दिया है। उन्होंने कहा की वर्गीकरण करके ये लोग अनुसूचित जाति की एकता को तोड़ना चाहते हैं। उन्होंने क्रीमलेयर के बारे में लोगो को बताया कि आरक्षण आर्थिक आधार पर नही बल्कि जाति के आधार पर दिया गया है। आज भी न जाने कितने ही पद रिक्त पड़े है, बैकलॉग कोटा अभी तक भी नहीं भरा गया है और सुप्रीम कोर्ट वर्गीकरण और क्रीमीलेयर की बात कर रहा है।

 

वक्ताओं ने कहा कि समाज ने आंदोलन के लिए 21अगस्त का दिन चुना है। समाज ने भारत बंद की अपील की है। वक्ताओं ने कहा कि समाज ने इससे पूर्व में भी 02 अप्रैल 2018 को आंदोलन करके अपनी ताकत का अहसास कराया था तथा एससीएसटी ऐक्ट को पुनः बहाल कराया था। वक्ताओं ने कहा कि आज भी ऐसे ही एक आंदोलन की जरूरत है। वक्ताओं ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को अपने फैसले पर स्वयं ही पुनर्विचार करना चाहिए अगर नही करती तो केंद्र सरकार को इस फैसले के खिलाफ सदन में प्रस्ताव पारित कराकर पलटना चाहिए।

 

 

बैठक की अध्यक्षता अनुसूचित आयोग के पूर्व सदस्य पी एल कपिल ने की तथा संचालन भानपाल सिंह रवि ने किया। बैठक में मुख्य रूप से मोदीमल तेगवाल, तीरथपाल रवि, नरेश चंदाना, राजेंद्र श्रमिक, रामजीलाल सुमन, डा के पी मोरे, जगजीवनराम, अरविंद कुमार, परसन राम धूसिया, मनोज कुमार, अंकुर, अमरदीप बंधु, नाथीराम, नत्थू सिंह, वी पी सिंह तेजियान, सुखपाल सिंह, समय सिंह दाबड़े, राजेंद्र कुमार, किशोर पाल, सत्येंद्र कुमार, देवेंद्र कुमार भास्कर, रूपचंद आजाद एडवोकेट, मेहर सिंह एवं रविंद्र सिंह आदि उपस्थित रहे।

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