कमजोर होती बसपा और सामने 2024 का लोकसभा चुनाव

आकाश आनंद के सामने चुनौतियों का पहाड़

गोल्डन टाइम्स (शिब्ली रामपुरी)

 

बसपा सुप्रीमो मायावती द्वारा अपने भतीजे आकाश आनंद को अपना उत्तराधिकारी घोषित किए जाने के बाद से यह चर्चा जोर पकड़ रही है कि क्या वह बहुजन समाज पार्टी की कमजोर स्थिति को मजबूती में बदल सकेंगे और आगामी लोकसभा चुनाव 2024 कि जिसमें बसपा सुप्रीमो यह फैसला ले चुकी हैं कि हम अकेले दम पर ही चुनावी मैदान में उतरेंगे तो ऐसे में लोकसभा चुनाव में कामयाबी हासिल करना भी बड़ी चुनौती रहेगी. समाजवादी पार्टी के सांसद शफीक उररहमान बर्क़ ने इस पर कहा है कि आकाश आनंद के उत्तराधिकारी घोषित करने से पार्टी में कोई ज्यादा बदलाव नहीं आएगा क्योंकि सारे फैसले अभी मायावती खुद ही लेंगी.

 

आकाश आनंद, बसपा सुप्रीमो मायावती के छोटे भाई आनंद कुमार के बेटे हैं। आकाश ने लंदन के बड़े कॉलेज से एमबीए की डिग्री हासिल की है। आकाश पिछले कई सालों से पार्टी में एक्टिव थे, यूथ को जोड़ने के लिए आकाश ने हाल में हुए तीन राज्यों के विधासनभा चुनाव की जिम्मेदारी संभाली थी। बसपा सुप्रीमो द्वारा उनका काफी बड़ी जिम्मेदारी दी गई और वह लगातार पार्टी के लिए मेहनत भी कर रहे हैं मगर यह भी एक कड़वी हकीकत है कि पार्टी का जनाधार काफी कमजोर पड़ चुका है और ऐसे में फिर से पार्टी को इस मजबूत स्थिति में लाना आकाश आनंद के लिए किसी चुनौती से कम नहीं होगा.

आकाश आनंद के बसपा सुप्रीमो द्वारा उत्तराधिकारी घोषित किए जाने के बाद से राजनीतिक हल्को में चर्चा भी शुरू हो गई है.

यूपी के संभल से सपा सांसद शफीक़ुररहमान बर्क़ का इस बारे में कहना था कि कुछ हालातों में बदलाव आ सकता है. अगर वो मायावती के पाबंद रहे तो जो मायावती चाहेंगी वही होगा. लेकिन मायावती ने आकाश को अपना उत्तराधिकारी बना दिया, वो उनके भतीजे हैं. मैं इसपर ये समझता हूं कि शायद ज्यादा कोई बदलाव नहीं आएगा. उनके बनाने से भी वो इतने आजाद नहीं होंगे कि सब काम खुद कर सकें, उन्हें मायावती से ही सलाह लेनी पड़ेगी. बहरहाल यह देखना दिलचस्प रहेगा कि आकाश आनंद को इतनी बड़ी जिम्मेदारी मिलने के बाद वह बहुजन समाज पार्टी में क्या कमाल कर पाते हैं सबसे बड़ी उनकी अग्नि परीक्षा 2024 के लोकसभा चुनाव में रहेगी.

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