हमारे सर्वांगीण विकास और एक श्रेष्ठ समाज के निर्माण में शिक्षा सबसे महत्वपूर्ण तत्व-मुख्यमंत्री

समय बहुमूल्य है इसकी महत्ता को सभी को समझना होगा-मुख्यमंत्री धामी

नैनीताल ( एम हसनैन) मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को नैनीताल स्थित प्रेमा जगाती सरस्वती विहार विद्यालय के वार्षिकोत्सव में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने छात्रों को सम्बोधित करते हुये कहा कि हमारी संस्कृति में शिक्षा ग्रहण करने का अर्थ केवल किताबी ज्ञान अर्जित करने तक सीमित नहीं है, यह एक ऐसी यात्रा है जिसमें हम स्वयं की और अपने अस्तित्व की खोज करते हैं। एक व्यक्ति के रूप में हमारे सर्वांगीण विकास और एक श्रेष्ठ समाज के निर्माण में शिक्षा सबसे महत्वपूर्ण तत्व है। एक व्यक्ति बचपन में जिस प्रकार की शिक्षा और संस्कार प्राप्त करता है उसी से उसका चरित्र निर्माण होता है।

उन्हांेने विद्यार्थियों से कहा कि किताबी ज्ञान तक सीमित ना रहें स्वयं के अस्तित्व की खोज कर आपने जीवन को सफल बनायें। उन्होंने कहा बचपन के संस्कार सम्पूर्ण जीवन में काम आते है इसलिए हमें बच्चों को बचपन से ही संस्कारवान शिक्षा प्रदान कर भविष्य के निर्माण के लिए कार्य करना होगा। उन्होंने विद्यार्थियों से जीवन का लक्ष्य तय करते हुए पूर्ण मनोयोग, ईमानदारी,कर्तव्य निष्ठा से कार्य करने को कहा। यही मूल मंत्र जीवन को सफल बनाएगा।

मुख्यमंत्री ने स्वामी विवेकानन्द को याद करते हुए कहा कि उन्होंन कहा था कि प्रत्येक मनुष्य में अनंत ऊर्जा शक्ति का भण्डार है उसे सिर्फ जानने व दिशा देने की जरूरत है। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि जीवन में कभी कोई परेशानी आती है तो उसे सकारात्मक सोच के साथ समस्या का समाधान करें। उन्होंने बच्चों से कहा कि यह शिक्षा का कालखण्ड दोबारा आपके जीवन में कभी नहीं आयेगा, समय बहुमूल्य है इसकी महत्ता को सभी को समझना होगा, एक-एक पल जीवन के लिए उपयोगी है अगर हम समय को समझ लेते हैं तो अपने जीवन के साथ ही देश व प्रदेश नाम रोशन कर सकते है।

उन्होंने कहा कि उत्तराखंड देवभूमि है, गुरुकुलों की भूमि है, यहां ऐसे ऋषि- मुनि हुए जिन्होंने सनातन ग्रंथो की रचना की। वीरभट्टी की इस महान धरती पर पढ़ने वाले आप सभी विद्यार्थी भी ऋषि संतानें हैं और अवश्य ही आप लोग अपना,अपने परिवार का और अपने प्रदेश का नाम रोशन करेंगे। उन्होंने कहा कि हमारे छात्र देश का भविष्य है। देष व प्रदेश को आगे ले जाने की जिम्मेदारी उनके कन्धों पर है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आज नए भारत का निर्माण हो रहा है, जिसके अंतर्गत देश में अभूतपूर्व रूप से नित- नए कार्य किए जा रहे हैं। वर्ष 2020 में प्रधानमंत्री जी द्वारा वर्तमान समय के अनुसार बनाई गई नई शिक्षा नीति को हमारे सम्मुख रखा गया। नई शिक्षा नीति से स्कूली शिक्षा और उच्च शिक्षा को नए आयाम प्राप्त होंगे, इससे सभी वर्ग के लोगों को समानता के आधार पर शिक्षा प्राप्त करने के अवसर भी मिलेंगे। स्कूली स्तर पर ’’कौशल विकास’’ से ’’युवा कुशलता’’ के साथ कार्य करने में सक्षम होंगे। साथ ही इससे शोध एवम् अनुसंधान को बढ़ावा मिलेगा। देश को विकसित राष्ट्र बनाने के प्रधानमंत्री जी के लक्ष्य को पूर्ण करने में नई शिक्षा नीति अवश्य ही कारगर साबित होगी। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सपना है कि अमृत काल में भारत को विश्व की तीसरी बडी इकानोमी बनाना है। इसके लिए सभी को अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी तभी हम सफल होंगे। उन्होंने कहा कोरोनाकाल में देश के प्रधानमंत्री ने अभिभावक की तरह देश व विश्व में कार्य किया। अपने देश में कोरोना वैक्सीन देने के साथ ही विश्व में कोरोना वैक्सीन देने का कार्य किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड स्कूली शिक्षा में नई शिक्षा नीति लागू करने वाला पहला राज्य है। हमारी सरकार उत्तराखण्ड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के अपने ’’विकल्प रहित संकल्प’’ को पूर्ण करने हेतु प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विद्यालय के इस गरिमामय समारोह में आकर वे अभिभूत हैं। यहां आकर उनकी छात्र जीवन की स्मृतियां जीवंत हो गयी। विद्यालय अत्यंत ही कठिन परिस्थितियों में स्थापित हुआ परंतु आज ये विद्यालय एक विशाल वट वृक्ष का रूप ले चुका है। जगाती परिवार ने इस शिक्षण संस्थान के लिए अपनी भूमि दान कर जो शिक्षा सेवा का पुण्य कमाया है, उसके लिए जगाती परिवार बधाई का पात्र है।

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