कब थमेगा इजराइल फिलिस्तीन युद्ध, छोटे बच्चों से लेकर बेकसूर औरतों /बुजुर्गों तक की जा रही है जान
शिब्ली रामपुरी
इसराइल और फिलीस्तीन के बीच युद्ध लगातार जारी है कई देशों ने इसमें शांति की अपील की लेकिन उसके बावजूद भी यह जंग लगातार चल रही है और इसमें मासूम बच्चों से लेकर बेकसूर बुजुर्गों और महिलाओं की जाने जा रही हैं उन पर जबरदस्त तरीके से जुल्म हो रहे हैं.
जो लोग बचे हुए हैं वह गहरे सदमे और डर के माहौल में जी रहे हैं कि पता नहीं कब हमला हो जाए और उनकी जान चली जाए. हालात यहां तक बिगड़ चुके हैं कि लोग अपने मासूम बच्चों के हाथों पर उनके नाम लिख रहे हैं ताकि मरने के बाद उनकी लाश की पहचान हो सके क्योंकि यह कड़वी हकीकत है कि इस जंग में छोटे-छोटे मासूम बच्चों की भी मौत हुई है. काफी संख्या में छोटे-छोटे मासूम बच्चों को मलबे के नीचे से भी निकाला गया है.
दरअसल इज़राइल और फिलीस्तीन के बीच विवाद काफी पुराना है और यह लगातार बढ़ रहा है इसमें अभी तक कोई ऐसी उम्मीद नजर नहीं आती कि यह विवाद हल हो सके दोनों और से जबरदस्त तरीके से एक दूसरे पर हमले होते हैं.
कुछ वक्त पहले पूरे विश्व ने यूक्रेन का युद्ध देखा और अब उसके बाद इजरायल और फिलिस्तीन की जंग जारी है. इस बार जिस तरह से इजरायल और फिलिस्तीन में जंग हुई है उसने बहुत कुछ तबाह करके रख दिया है फिलीस्तीन को सबसे ज्यादा इस जंग में नुकसान हुआ है. दुनिया के कई देशों से आवाज उठ रही है कि अब इस जंग को रोका जाना चाहिए क्योंकि इसमें बेक़सूर लोगों की जिस तरह से मौत हो रही है वह किसी भी तरह से मानवता के लिए सही नहीं है.
बहुत से मानवाधिकार संगठन यह बात भी रख रहे हैं की जंग के कुछ उसूल होने चाहिएं जंग बेकसूर और मासूम बच्चों की जान लेने का नाम नहीं है लेकिन लगता है इजराइल और फिलिस्तीन युद्ध में युद्ध के तमाम नियमों को ताक पर रख दिया गया है और कभी अस्पतालों पर कभी स्कूल कॉलेजों पर बमबारी हो रही है जिसमें निर्दोष लोग अपनी जान से हाथ धो रहे हैं छोटे-छोटे बच्चों की मौत हो रही है.
बेकसूर लोगों की मौत इधर हो या उधर बेकसूर सिर्फ बेकसूर होता है और उसका जंग से कोई लेना-देना नहीं होता लेकिन बेवजह जंग के उसूलों को तोड़कर जब जंग होती है तो उसमें सबसे ज्यादा नुकसान बेकसूरों का होता है और ऐसा फिलिस्तीन और इजरायल की जंग में देखने को मिल रहा है.