रिटायर्ड रजिस्टार जनरल कांता प्रसाद ने मुख्यमंत्री को बताया दलित विरोधी, लगाए गंभीर आरोप
दीपक मौर्य
हरिद्वार। जनपद हरिद्वार ही नही अपितु पूरे उत्तराखंड में दलितों पर अत्याचार हो रहें हैं लेकिन मुख्यमंत्री किसी भी मामले में गंभीर नहीं है। ये आरोप रिटायर्ड रजिस्टार उत्तराखंड हाईकोर्ट कांता प्रसाद ने लगाए हैं। वे रविवार को दलित समाज की बैठक में आए थे और पत्रकारों से बात कर रहे थे। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री के पास ग्रह मंत्रालय भी है और समाज कल्याण मंत्रालय भी है लेकिन न तो उन मामलों में रिपोर्ट दर्ज हो रही है और ना ही उन मामलों में आर्थिक मदद हो रही है। उन्होंने मुख्यमंत्री को दलित विरोधी बताते हुए कहा कि एक तरफ तो वो अपनी जाति की मृतक अंकिता भंडारी के घर गए और 25 लाख की मदद मुख्यमंत्री राहत कोष से की लेकिन बेलड़ा प्रकरण में पीड़ितो को मदद करना तो दूर उनके आंसू पोंछने भी नही पहुंचे।
कांता प्रसाद ने कहा कि उनका मरे तो 25 लाख और हमारा मरे तो ठेंगा। उन्होंने कहा कि वे आज भी 12 सूत्रीय मांगो के समर्थन में हैं जो संविधान के दायरे में हैं। उन्होंने कहा कि दलित समाज के लोगों पर अत्याचार हो रहें है और सरकार गंभीर नहीं है। उन्होंने कहा कि बैठक में अभी सरकार को और 10 दिन का समय दिया गया है। अगर 10 दिन में सरकार हमारी मांगे नही मानती है तो महापंचायत की तारीख का एलान किया जायेगा।