बेलड़ा प्रकरण – आज राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के उपाध्यक्ष का दौरा

पीड़ित परिवार से मिलेंगे, डीजीपी उत्तराखंड और डीएम हरिद्वार से वार्ता करेंगे

दीपक मौर्य

हरिद्वार – बेलड़ा प्रकरण इस समय देश का सबसे चर्चित प्रकरण बना हुआ हुआ। दलित न्याय के लिए जिले और प्रदेश के अधिकारियों के अलावा दिल्ली तक जाकर न्याय की गुहार लगा रहें हैं। इस मामले में अब राष्ट्रीय अनुसूचित आयोग के उपाध्यक्ष अरुण हालदार बेलड़ा गांव का दौरा करेंगे। अभी हाल ही में पीड़ित दलित नेता भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं उत्तराखंड के प्रभारी दुष्यंत गौतम से भी मिले थे और उन्होंने भी कार्यवाही का भरोसा दिलाया था। आपको बता दें कि 11 जून को रुड़की के गांव बेलड़ा में एक दलित युवक की मौत हो गई थी जिसे मृतक के परिजन हत्या बता रहें हैं और हत्यारोपी इसे ट्राली से टकराकर दुर्घटना बता रहें हैं। इस मामले में पथराव भी हुआ था तथा सैंकड़ों दलितों के खिलाफ संगीन धाराओं में मुकदमे भी दर्ज हुए थे।

पीड़ित पक्ष आज तक न्याय के लिए दर दर भटक रहा है। सभी राजनैतिक दलों के लोगों ने गांव का दौरा किया लेकिन आश्वासन के सिवा कुछ नही मिला, पीड़ित पक्ष और दलित नेताओं ने ये आरोप बार बार लगाए हैं कि जिन लोगों के सामने गांव में तांडव हुआ, जिन अधिकारियों ने दलितों पर फर्जी मुकदमे लाद दिए , जब जांच वही लोग कर रहें है। तो न्याय कहां से मिलेगा। बसपा ने तो वर्तमान पुलिस कप्तान को हटाने से लेकर सथनीय सभी पुलिस अधिकारियों के स्थानांतरण की मांग की है। सरकार भी इस मामले में पेशोपेश में फंसी हुई है। पीड़ित पक्ष की मांग यही है कि मृतक पंकज की हत्या के आरोप में 302 का मुकदमा लिखा जाए, मृतक के परिजनों को जिसमे विधवा पत्नी, दो मासूम बच्चे और वृद्ध माता पिता शामिल हैं 1 करोड़ का आर्थिक मुआवजा दिया जाए तथा मृतक की पत्नी को सरकारी नौकरी दी जाए एवं निर्दोष दलितों पर से फर्जी मुकदमे हटाए जाए।

राष्ट्रीय अनुसूचित आयोग के अपर सचिव के द्वारा जारी कार्यक्रम में आयोग के उपाध्यक्ष अरुण हालदार सुबह 7 बजे दिल्ली से वाया रोड चलकर 11 बजे गांव बेलड़ा में पहुंचेंगे। जहां वो घटनास्थल का दौरा करेंगे तथा पीड़ित पक्ष , मृतक के परिजनों से भी मिलेंगे। 12 बजे रुड़की के लिए प्रस्थान करेंगे तथा 1 बजे डीजीपी उत्तराखंड और डीएम हरिद्वार से वार्ता करेंगे। दोपहर 1:30 बजे प्रेस कान्फ्रेस करेंगे। सवाल तो बहुत सारे हैं लेकिन जवाब शायद कल ही मिल पाएंगे। आइए देखते है कि राष्ट्रीय अनुसूचित आयोग के उपाध्यक्ष का दौरा पीड़ित पक्ष को न्याय दिलवा पाएगा।

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