पूर्व में फतवो पर सियासत और मीडिया में हंगामा होने के बाद बेहद सतर्कता बरतता है अब दारुल उलूम

राजनीतिक पार्टियों के नेताओं से भी रखी जाती है अब दूरी

सहारनपुर(शिब्ली रामपुरी) इस्लामिक शिक्षा का केंद्र और फतवे देने के लिए मशहूर दारुल उलूम अब कोई भी फतवा देने से पहले बेहद सतर्कता बरतता है क्योंकि पूर्व में दारुल उलूम द्वारा जारी कई फतवो को लेकर जहां सियासत हुई वहीं मीडिया में भी कुछ फ़तवो को लेकर एक हंगामा सा मचा रहा.टीवी चैनलों पर काफी डिबेट/बहस का दौर चला. किसी फतवे को लेकर खूब बयानबाजी भी की गई इसके बाद दारुल उलूम ने फतवा देने से पहले अब बेहद सतर्कता बरतनी शुरू कर दी है. इतना ही नहीं दारुल उलूम देवबंद अब राजनीतिक पार्टियों के नेताओं से भी दूरी बनाकर रखता है वरना एक दौर ऐसा था कि दारुल उलूम देवबंद में नेताओं का आना जाना लगा रहता था और चुनाव के समय तो इसमें काफी बढ़ोतरी हो जाती थी लेकिन कुछ साल पहले दारुल उलूम प्रबंधन ने यह निर्णय लिया कि चुनावी दौर में किसी भी राजनीतिक पार्टी के नेता को दारुल उलूम में आने नहीं दिया जाएगा. बताया जाता है कि चुनावी दौर के अलावा भी दारुल उलूम देवबंद प्रबंधन संस्था में किसी भी राजनीतिक पार्टी के नेता से मुलाकात करने के पक्ष में नहीं है क्योंकि कई बार यह मुलाकाते राजनीतिक शक्ल अख्तियार कर लेती हैं. जिसके बाद अक्सर दारुल उलूम की ओर से कहा भी जाता है कि राजनीति से हमारा कोई संबंध नहीं है यह एक इस्लामिक शिक्षण संस्थान है जहां पर सिर्फ इस्लामी शिक्षा दी जाती है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *