देवबन्द में सभी धर्मो से जुड़े धर्मगुरु देवबन्द में आए एक मंच पर
सहारनपुर (शिब्ली रामपुरी)
जमीअत उलेमा हिंद की ओर से आयोजित सद्भावना संसद में सभी धर्मों से जुड़े धार्मिक गुरुओं ने एक मंच पर आकर आपसी भाईचारे और एकता का संदेश दिया. सभी ने आवाज बुलंद करते हुए कहा कि एकता में ही वो शक्ति है कि जिससे बड़ी-बड़ी समस्याओं का समाधान हो सकता है.
शनिवार को जमीयत उलमा ए हिंद जनपद सहारनपुर की ओर से ईदगाह रोड पर स्थित शैखुल हिंद हाल में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए पश्चिमी बंगाल की ममता सरकार में कैबिनेट मंत्री और जमीअत उलमा हिंद के प्रदेश अध्यक्ष मौलाना सिद्दिकुउल्लाह चौधरी ने वर्तमान हालात पर अपने विचार रखते हुए कहा कि भाईचारे और एकता को मजबूत बनाने में देवबंद ने हमेशा मुख्य भूमिका निभाई है अब एक बार फिर देवबंद की ये बड़ी जिम्मेदारी है कि वह देश और दुनिया में अमन शांति की स्थापना के लिए अपना वही रोल अदा करे. आपसी भाईचारे और शांति का परचम बुलंद किया जाए. उन्होंने कहा कि मज़हबे इस्लाम ने हमेशा इंसानियत, भाईचारे और बराबरी को बड़ी अहमियत दी है, इस्लाम ने हमेशा मानवता का संदेश दिया है और पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब ने पूरी इंसानियत के लिए काम किया है। पैगंबर साहब के संदेश को हमें समझने की जरूरत है तभी हम अपने जीवन को सफल बना सकते हैं.
उन्होंने कहा कि सभी हिंदू मुसलमानों को देश में अमन भाईचारे की मजबूती के लिए काम करना चाहिए और देवबंद की इस ऐतिहासिक धरती से हमें देश की एकता को मजबूत करने का संदेश देना चाहिए। उन्होंने कहा कि जमीअत उलेमा हिंद द्वारा सद्भावना संसद की स्थापना करके देश को एक लड़ी में पिरोने का कार्य किया जा रहा है उन्होंने कहा मौजूदा समय में भारत में बढ़ती सांप्रदायिकता को खत्म करके भाईचारे को और अमन शांति को मजबूत करना है। उन्होंने देश की आजादी में उलेमा की कुर्बानियों पर भी प्रकाश डाला।जमीअत उलमा हिंद के महासचिव मौलाना हकीमुद्दीन कासमी ने कहा कि ऐतिहासिक नगरी देवबंद ने सदैव एकता अमन और शांति का पैगाम दिया है और एक बार फिर यहां से उसी जज्बे के साथ आवाज बुलंद की गई है हमें उम्मीद ही नहीं बल्कि पूरा भरोसा है कि भाईचारे की इस आवाज़ को पूरे देश में सुना जाएगा। इस दौरान उन्होंने बताया कि जमीअत उलमा हिंद द्वारा 12 लोगों की कमेटी का गठन किया गया है जिसमें 6 मुस्लिम और 6 गैर मुस्लिमों को शामिल किया गया है जो मौजूदा नफरत के दौर को खत्म करने के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जमीअत उलमा हिंद पूरे देश में एक हजार सद्भावना संसद का आयोजन कर रही है और उसी के तहत आज का देवबंद का यह कार्यक्रम था।
एसपी देहात सूरज राय ने कहा कि सद्भावना संदेश जरूरी है, उन्होंने कहा कि ऐसे प्रोग्रामों का समय-समय पर आयोजन होना चाहिए ताकि समाज के बीच में फैल रही दूरियों को खत्म किया जा सके और देश की परंपरागत संस्कृति को जिंदा रखा जा सके।
मां त्रिपुर बाला सुंदरी देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष पंडित सत्येंद्र शर्मा ने जमीअत उलमा हिंद की सद्भावना कोशिशों की सराहना करते हुए कहा कि जमीअत उलमा हिंद देश को एक लड़ी में पिरोने के लिए और देश के अमन शांति और भाईचारे को मजबूत करने के लिए जो काम कर रही है वह काबिले तारीफ है इस तरह के प्रोग्राम से ही दूरियां खत्म हो सकती हैं और इस तरह के कार्यक्रमों का आयोजन होना चाहिए यह एक बेहतरीन संदेश है। कार्यक्रम में सभी धर्मों से जुड़े धर्मगुरुओं ने एकजुट होकर आपसी एकता और भाईचारे के संदेश को दूर-दूर तक फैलाने की अपील की.