गहलोत बच गए, मंत्री फंस गए, सोनिया को सौंपी रिपोर्ट में मिली क्लीन चिट, महेश जोशी, धर्मेंद्र राठौड़, शांति धारीवाल को कारण बताओ नोटिस

सोनिया गांधी को राजस्थान पर रिपोर्ट सौंप दी गई। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस रिपोर्ट में गहलोत को क्वीन चिट दी गई है। यानी अशोक गहलोत पर फिलहाल कोई कार्रवाई नहीं होगी। अजय माकन और मल्लिकाअर्जुन खडगे ने जो लिखित रिपोर्ट सोनिया गांधी को सौंपी है उसमें गहलोत के खेमे के तीन नेताओं पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की गई है। बता दें कि अजय माकन और मल्लिकाअर्जुन खडगे पर्यवेक्षक के तौर पर राजस्थान गए थे। उन्होंने जयपुर से लौटने के बाद रिपोर्ट बनाई और उसे सोनिया गांधी को सौंप दिया गया। पर्यवेक्षकों की तरफ से 9 पन्नों की रिपोर्ट फाइल की गई और इसकी हार्ड कॉपी 10 जनपथ पर कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी को भेजी गई। इसमें गहलोत खेमे के तीन नेताओं पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश है। इस रिपोर्ट में विस्तार से पूरा घटनाक्रम बताया गया है। बीते दिन भी पर्यवेक्षकों ने सोनिया गांधी से मुलाकात की थी तो कहा था कि ये अनुशासनहीनता का मामला है। रिपोर्ट में अशोक गहलोत को क्लीन चिट की बात सामने आई है। तकनीकी तौर पर पर्यवेक्षकों ने उन्हें घटनाक्रम के लिए कहीं जिम्मेदार नहीं बताया है। एआईसीसी पर्यवेक्षक ने पश्चिमी राजस्थान संकट के बीच कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को अपनी रिपोर्ट सौंपी। जिसके बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के तीन करीबी सहयोगियों और प्रमुख वफादारों को मंगलवार को अनुशासनहीनता के लिए नोटिस जारी किया गया। पार्टी की तरफ से महेश जोशी, धर्मेंद्र राठौड़, शांति धारीवाल को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। तीनों नेताओं को 20 सितंबर के सियासी नाटक के लिए दोषी ठहराया गया है। गहलोत के प्रति वफादार माने जाने वाले कांग्रेस के अधिकांश विधायकों ने एक मंत्री के आवास पर समानांतर बैठक की, जबकि मुख्यमंत्री आवास पर कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई गई थी। राजस्थान के विधायकों की ओर से  की गई इस बैठ को घोर अनुशासनहीनता’ माना गया।

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