अमेरिकी रक्षा मंत्री संग जयशंकर ने द्विपक्षीय रक्षा औद्योगिक सहयोग के लिए नये अवसरों पर की चर्चा

वाशिंगटन। विदेश मंत्री एस जयशंकर और अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने द्विपक्षीय रक्षा औद्योगिक सहयोग के लिए नये अवसरों पर चर्चा की है। अमेरिकी रक्षा विभाग के मुख्यालय पेंटागन ने कहा कि यह कदम क्षेत्रीय सुरक्षा प्रदाता के रूप में भारत के योगदान को बढ़ाएगा। वाशिंगटन की चार दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर पहुंचे जयशंकर सोमवार को ऑस्टिन से मुलाकात के लिए पेंटागन गए थे। पेंटागन ने बैठक की जानकारी देते हुए बताया कि भारत और अमेरिका अपनी साझेदारी में अगले चरण की ओर बढ़ रहे हैं। ऑस्टिन और जयशंकर ने अमेरिका और भारतीय सेनाओं के बीच गहरे अभियानगत समन्वय के लिए सूचना-साझा किये जाने और साजो-सामान सहयोग के विस्तार को लेकर प्रतिबद्धता जताई। पेंटागन ने कहा, ‘‘उन्होंने (जयशंकर और ऑस्टिन ने) एक क्षेत्रीय सुरक्षा प्रदाता के रूप में भारत के योगदान के समर्थन में द्विपक्षीय रक्षा औद्योगिक सहयोग के नये अवसरों पर भी चर्चा की। इसमें इस साल के अंत में एक नया रक्षा संवाद शुरू करना भी शामिल है क्योंकि अमेरिका और भारत अंतरिक्ष, साइबर, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और अन्य प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में एक साथ मिलकर काम कर रहे हैं।’’ बैठक के दौरान दोनों नेताओं ने अमेरिका, भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और यूरोपीय भागीदारों के बीच गहरे सहयोग की भावना को रेखांकित किया। पेंटागन में विदेश मंत्री का स्वागत करते हुए ऑस्टिन ने हाल में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ टेलीफोन पर हुई अपनी बातचीत का हवाला देते हुए कहा कि यह बातचीत दोनों देशों के बीच बढ़ती साझेदारी और आकांक्षाओं को मजबूत करती है। ऑस्टिन ने कहा, ‘‘मैं आपकी मित्रता का आभारी हूं और हम एक मुक्त एवं खुले हिंद-प्रशांत के अपने साझा दृष्टिकोण की दिशा में मिलकर काम करेंगे। इस संबंध में एक शानदार बातचीत की आशा है।’’ उन्होंने कहा कि क्षेत्र की सुरक्षा को बनाए रखना विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, ‘‘हाल के महीने में हमने चीन को अंतरराष्ट्रीय अदालत को चुनौती देने का प्रयास करते, ताइवान की खाड़ी और आसपास अप्रत्याशित उकसावे वाली कार्रवाई करते देखा है।’’

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *