अशोक सिंघल ने राममंदिर आंदोलन के माध्यम से जागरूकता पैदा की थी

राष्ट्रवादी विचारधारा के परिपालक व बहुसंख्य हिंदू समाज में राममंदिर आंदोलन के माध्यम से जागरूकता उत्पन्न करने वाले विश्व हिंदू परिषद के संस्थापक अशोक सिंहल जी के अथक परिश्रम, समर्पित व्यक्तित्व व ओजस्वी उद्बोधनों का ही परिणाम है कि आज हिंदू समाज में सामाजिक समरसता का भाव दिखायी पड़ता है। संत समाज व विभिन्न अखाड़ा परिषदों को एक मंच पर लाने का अकल्पनीय कार्य भी अशोक जी ने ही संभव कर दिखाया। अयोध्या में श्री रामजन्मभूमि मुक्ति के लिए जीवन अर्पण कर सतत प्रयासरत रहने वाले अशोक सिंघल जी ने हिंदुओं की खोती जा रही स्मृतियों को एक बार फिर से संजोने का काम भी कर दिखाया। यह उन्हीं के प्रयासों का परिणाम हैं कि आज देश का बहुसंख्यक समाज अपने आप को गर्व से हिंदू कहना चाहता है। हिंदुत्व के हित का संरक्षण करने व उसके दायित्व का वहन करने के लिए विश्व हिंदू परिषद की स्थापना भी उन्हीं के प्रयासों से संभव हो सकी। अशोक सिंघल जी ने देश, समाज, हिंदू सभ्यता, संस्कृति और संस्कार के लिए अपना सर्वस्व समर्पित कर दिया। उन्होने श्री राम जन्मभूमि मुक्ति तथा अयोध्या में भव्य राममंदिर निर्माण के लिए आंदोलनों की झड़ी लगा दी। वे सभी आयोजन काफी अनुशासित होते थे। जनसभाओं व कार्यक्रमों में अशोक जी के ओजस्वी भाषणों को सुनने के लिए भारी भीड़ जमा होती थी और जब यह भीड़ वापस घरों की ओर प्रस्थान करती थी तो उसमें एक नया पन व ताजगी की उमंग होती थी लेकिन किसी प्रकार की उत्तेजना या हिसक वातावरण का प्रदर्शन नहीं होता था। अशोक जी में विरोधाभासी विचार वाले विभिन्न समूहों को साथ में लेकर चलने की अभूतपूर्व कला थी।

 

 

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