राहुल गांधी ने पालक्काड में आदिवासी समुदाय के प्रतिनिधियों से की मुलाकात
‘भारत जोड़ो यात्रा’ के पालक्काड जिले में प्रवेश करने पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार को आदिवासी समुदायों के नेताओं एवं प्रतिनिधियों से मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान एक प्रतिनिधि ने आदिवासी इलाकों में प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए कोचिंग केंद्र खोले जाने की आवश्यकता जतायी। इस बातचीत की शुरुआत प्रतिनिधिमंडल ने भारत जोड़ो यात्रा को समर्पित एक गीत के साथ की। गांधी ने खासतौर से जिले के अट्टापाडी के आदिवासी नेताओं से मुलाकात की। समुदाय के एक चिकित्सक ने आदिवासी औषधि को आयुष में शामिल करने की वकालत की और आदिवासी छात्रों को स्कूल तथा कॉलेज में पढ़ाई बीच में छोड़ने (डॉपआउट) से रोकने के लिए परामर्श कार्यक्रम लाने की जरूरत पर जोर दिया। गांधी ने कहा कि जिस शिक्षा प्रणाली में परीक्षाओं की रूपरेखा तय करते वक्त आदिवासियों पर ध्यान नहीं दिया जाता है, उसमें इस समुदाय से आने वाले छात्रों को नुकसान पहुंचता है। उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि आदिवासी संस्कृति किसी भी दूसरी संस्कृति के जितनी महत्वपूर्ण है, उससे बेहतर नहीं लेकिन सभी संस्कृतियों के समान है।’’ गांधी ने कहा कि आदिवासी लोग वनों के सबसे अच्छे संरक्षक हैं और नौकरशाहों तथा विशेषज्ञों के मुकाबले बेहतर तरीके से पर्यावरण को समझते हैं। कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘यह समझा जा सकता है कि आदिवासी छात्र ऐसी स्कूल व्यवस्था में घुटन महसूस करते होंगे जिसमें शिक्षा प्रणाली में उनकी परंपराओं तथा मान्यताओं को शामिल नहीं किया जाता है। हमें आदिवासी संस्कृति के तत्वों को हमारे पाठ्यक्रम में शामिल करना होगा।’’आदिवासी प्रतिनिधियों ने सरकार द्वारा उनके प्रार्थना स्थलों को छीनने तथा उन्हें बाहर निकालने की भी शिकायत की। उन्होंने कहा कि उन्हें अब पूजा के लिए भुगतान करने को विवश किया जाता है और देवी-देवताओं की प्रतिमाओं को छूने भी नहीं दिया जाता है। उन्होंने बेहतर चिकित्सा सुविधाओं तथा अस्पतालों का भी अनुरोध किया क्योंकि उन्हें आपात स्थिति के दौरान बहुत दूरस्थ स्थानों पर जाना पड़ता है। उन्होंने गांधी से उनकी संस्कृति एवं परंपराओं को संरक्षित करने में मदद मांगी तथा एक संग्रहालय एवं कला केंद्र बनाने का भी अनुरोध किया।