आख़िरकार ग़ुलाम हो ही गए कांग्रेस से आज़ाद
संजय गांधी शान से लाए थे कांग्रेस में मगर आज़ाद ने दुखी मन से कहा अलविदा
जब भी कांग्रेस के दिग्गज और वफादार नेताओं का ज़िक्र हुआ तो उनमे ग़ुलाम नबी आज़ाद का नाम हमेशा शुमार रहा. लेकिन अब आज़ाद ने उसी कांग्रेस को अलविदा कह दिया कि जिसने उनको कई बड़े औहदों से नवाज़ा.
ऐसा सोचने वाले बहुत लोग होंगे कि जिस पार्टी ने आज़ाद को इतना सम्मान दिया उसी को उन्होंने अलविदा कह दिया और राहुल गांधी पर भी जमकर आज़ाद भड़के. आज़ाद ने कांग्रेस की बदहाली के लिए एक तरह से राहुल गांधी को ही कटघरे में खड़ा कर दिया.
दरअसल कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में शुमार रहे ग़ुलाम नबी आजाद की नाराजगी बेबुनियाद नहीं है यह कड़वी हकीकत है कि पार्टी में उनको लगातार नजरअंदाज किया जा रहा था और उनकी आवाज को नहीं सुना जा रहा था. जब राज्यसभा में विदाई के वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भावुक हुए उस समय माना जाने लगा कि आजाद भाजपा में भी शामिल हो सकते हैं लेकिन तब भी आजाद ने पार्टी नहीं छोड़ी और अब तक वह पार्टी के हर मोर्चे पर मजबूती से डटे हुए थे लेकिन आखिरकार उनका सब्र जवाब दे गया और उन्होंने कांग्रेस पार्टी को अलविदा कहना ही बेहतर समझा.
आज़ाद को 1970 के दशक में संजय गांधी कांग्रेस में लाए थे. संजय गांधी के निधन के बाद वो इंदिरा गांधी से लेकर वर्तमान समय तक गांधी परिवार के क़रीबी रहे लेकिन जबसे आज़ाद को महसूस हुआ तब से ही वो सही वक़्त का इंतज़ार कर रहे थे. अब देखते हैं उनका अगला क़दम क्या होगा?