पंजाब सरकार की तरफ से बुलाए गए विशेष सत्र को राज्यपाल ने किया रद्द, केजरीवाल बोले- देश में एक तरफ संविधान और दूसरी तरफ़ ऑपरेशन लोटस

दिल्ली में एलजी विनय सक्सेना और आम आदमी पार्टी की सरकार के बीच तनातनी की खबरें आम हैं। आबकारी नीति से लेकर विभिन्न मुद्दों पर टकराव साफ देखने को मिल रहा है। लेकिन अब राज्यापाल और सीएम के बीच के टकराव की नई कहानी पंजाब में भी शुरू होती नजर आ रही है। पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने बुधवार को आम आदमी पार्टी (आप) सरकार द्वारा गुरुवार को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने के आदेश को वापस ले लिया। राज्य सरकार ने विश्वास प्रस्ताव पारित करने के लिए सत्र बुलाया था। राज्यपाल ने ऐसा करने के लिए “विशिष्ट नियमों की अनुपस्थिति” के कारण आदेश वापस ले लिया। पंजाब कैबिनेट ने बीते दिन ही विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मंजूरी दी थी। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पहले घोषणा की थी कि विधानसभा का एक विशेष सत्र बुलाया जाएगा, कुछ दिनों बाद सत्तारूढ़ आप ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर पंजाब में अपनी सरकार को गिराने की कोशिश करने का आरोप लगाया। सत्तारूढ़ दल ने हाल ही में दावा किया था कि उसके कम से कम 10 विधायकों को भाजपा ने छह महीने पुरानी सरकार को गिराने के लिए 25-25 करोड़ रुपये की पेशकश के साथ विधायकों से संपर्क साधा था।

 

 

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