राज्यपाल विधेयकों को रोक सकते हैं, लेकिन अनिश्चितकाल के लिए नहीं: केरल सरकार

कोच्चि। केरल सरकार ने सोमवार को कहा कि राज्यपाल विधानसभा द्वारा पारित विधेयकों को रोक सकते हैं, लेकिन अनिश्चितकाल के लिए नहीं, और ना ही वह उन्हें खारिज कर सकते हैं। राज्य के विधि मंत्री पी. राजीव ने पत्रकारों से कहा कि संविधान राज्यपाल को विधेयकों को स्वीकृति देने, उन्हें रोकने या भारत के राष्ट्रपति के पास भेजने की शक्ति प्रदान करता है। उन्होंने कहा, ‘‘ राज्यपाल के पास उसे खारिज करने का अधिकार नहीं है।’’विधि मंत्री का यह बयान राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के पिछले सप्ताह दिए उस बयान के बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि वह राज्य विधानसभा द्वारा हाल ही में पारित विश्वविद्यालय कानून संशोधन विधेयक को अनुमति नहीं देंगे क्योंकि यह कथित तौर पर अवैधता को वैध बनाने और मुख्यमंत्री व उनके मंत्रिमंडल के सहयोगियों के कर्मचारियों के ‘‘अयोग्य रिश्तेदारों’’ की नियुक्ति का मार्ग प्रशस्त करता है। केरल में राज्यपाल और राज्य सरकार के बीच जारी विवाद की शुरुआत विजयन के एक निजी सचिव की पत्नी की कन्नूर विश्वविद्यालय के मलयालम विभाग में नियुक्ति के साथ हुई। खान के अनुसार पद के लिए कथित रूप से अयोग्य होने के बावजूद यह नियुक्ति की गई।

 

 

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