सुप्रीम कोर्ट के हुकुम पर आज़म खान के जेल से बाहर आने के बाद वे जायेगे कहाँ? उनका कदम ही उनका सियासी मुस्तकबिल तय करेगा।
28 महीने बाद आजम खान के सीतापुर जेल से बाहर निकलने का रास्ता साफ हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें अंतरिम जमानत दे दी है। माना जा रहा है कि शनिवार तक आजम खान जेल से बाहर आ सकते हैं। समाजवादी पार्टी (सपा) के दिग्गज नेता को जमानत मिलते ही यूपी की सिसायत तेज हो गई है। माना जा रहा है कि रामपुर के विधायक के लिए सीतापुर जेल का दरवाजा खुलते ही सूबे की राजनीति में नए मोड़ आ सकते हैं।
10 बार के विधायक और लोकसभा-राज्यसभा के सांसद रह चुके आजम खान ऐसे समय पर जेल से बाहर आ रहे हैं, जब उनके करीबी पार्टी और खासकर अध्यक्ष अखिलेश यादव के खिलाफ मोर्चा खोल चुके हैं। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि आजम के बाहर आते ही कुछ दिलचस्प राजनीतिक घटनाक्रम दिख सकते हैं। अटकलें है कि सपा के दूसरे बागी शिवपाल यादव के साथ मिलकर आजम खान नया मोर्चा बना सकते हैं।
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि आजम खान की बगावत से अखिलेश यादव की परेशानी बढ़ सकती है। हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में सर्वाधिक मुस्लिम वोट पाने वाली सपा को इन्हें जोड़े रखने में चुनौती का सामना करना पड़ेगा। आजम खान को मौजूदा समय में यूपी का सबसे बड़ा मुस्लिम नेता माना जाता है और ना सिर्फ रामपुर बल्कि पूरे प्रदेश में अल्पसंख्यक समुदाय के वोटर्स पर उनकी मजबूत पकड़ है। ऐसे में यदि वह सपा से अलग होते हैं तो बड़ी संख्या में मुस्लिम वोटर्स सपा से किनारा कर सकते हैं।
आजम खान की सियासी ताकत से सभी वाकिफ हैं। यही वजह है कि कांग्रेस से लेकर बहुजन समाज पार्टी तक ने आजम खान पर डोरे डाले हैं। शिवपाल यादव भी आजम खान से जेल में जाकर मुलाकात कर चुके हैं और उन्हें अपना भाई बताते हुए संकेत दिया था कि दोनों नेता साथ मिलकर नया मोर्चा बना सकते हैं।
आजम खान सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से बेहद नाराज बताए जाते हैं। आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम ने हाल ही में कई बार अपनी नाराजगी इशारों में जाहिर की है तो उनके कई करीबियों ने सपा से इस्तीफा दे दिया है। आजम के करीबियों का आरोप है कि पार्टी के लिए खून-पसीना बहाने वाले मुस्लिम नेता की रिहाई के लिए अखिलेश यादव ने कोई प्रयास नहीं किया।