कांग्रेस के हरीश रावत, गणेश गोदियाल, प्रीतम सिंह सहित 22 प्रत्याशियों पर राजनीतिक और अन्य मामलों में मुकदमे दर्ज हैं।

इस बार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के 22 प्रत्याशियों पर राजनीतिक और अन्य मामलों से जुड़े मुकदमे दर्ज हैं। कांग्रेस का कहना है कि इन नेताओं को पार्टी का प्रत्याशी जनता की भावनाओं के आधार पर बनाया गया है। चुनाव आयोग को सौंपे ब्यौरे में कांग्रेस ने प्रत्याशी चयन के आधार का खुलासा किया। कांग्रेस प्रदेश महामंत्री मथुरादत्त जोशी ने बताया कि आयोग को विवरण सौंप दिए गए हैं।

पार्टी के ऐसे 22 लोगों के बाबत सार्वजनिक सूचना भी प्रकाशित कर दी गई है। आयोग ने पूछा था कि केस दर्ज होने के बावजूद इन्हीं व्यक्ति को क्यों चुना गया? इसके जवाब में बताया गया कि उम्मीदवारों का चयन उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा और जन भावना के अनुसार ही किया गया है। मालूम हो कि अभी कुछ दिन पहले भाजपा ने भी अपने नेताओं के बारे में भी इसी प्रकार रिकॉर्ड सार्वजनिक किया है।

कांग्रेस द्वारा चुनाव आयोग को सौंपी गई लिस्ट के अनुसार हरीश रावत, गणेश गोदियाल, प्रीतम सिंह, यशपाल आर्य, काजी निजामुद्दीन, संजीव आर्य, आदेश चौहान, मनोज रावत, दीपक बिजल्वाण,फुरकान अहमद, तिलकराज बेहड़,सूर्यकांत धस्माना,यशपाल राणा,विजयपाल सजवाण,जयेंद्र रमोला,रणजीत रावत,मालचंद,नवतेजपाल,सुमित कुमार हृदयेश,ओमगोपाल रावत, सुभाष चौधरी  और रवि। पर मुकदमे दर्ज है।

मथुरादत्त जोशी, प्रदेश महामंत्री के अनुसार नेताओं को अपने सियासी जीवन में कई बार जनहित के मुद्दों को लेकर सरकार की नीतियों के खिलाफ सड़कों पर उतरना पड़ता है। इसके तहत रैली, धरना और प्रदर्शन करने पर मुकदमे दर्ज कर दिए जाते हैं, इससे नेता अपराधी नहीं हो जाते। वो जनहित में उनका संघर्ष होता है। पार्टी के ज्यादातर उम्मीदवारों पर दर्ज केस इसी प्रकार के मतलब जनहित आधारित हैं। पार्टी ने उन्हें जनता में लोकप्रियता के आधार पर ही अपना प्रत्याशी घोषित किया है। 

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